जब से हम उनको चाहने लगे हैं...
उनकी हर अदा पर मुस्कुराने लगे हैं...
लगती है गुनगुनाती सी ये हवाएं हमें...
और हम भी इन हवाओं संग मुस्कुराने लगे हैं...
हर ठंडी सी सुबह अब जगाने लगी है...
इक मीठी सी सरगम सुनाने लगी है...
इस सरगम की धुन में हम खोने लगे हैं...
जब से हम उनको चाहने लगे हैं....
:- दीपक प्रधान
उनकी हर अदा पर मुस्कुराने लगे हैं...
लगती है गुनगुनाती सी ये हवाएं हमें...
और हम भी इन हवाओं संग मुस्कुराने लगे हैं...
हर ठंडी सी सुबह अब जगाने लगी है...
इक मीठी सी सरगम सुनाने लगी है...
इस सरगम की धुन में हम खोने लगे हैं...
जब से हम उनको चाहने लगे हैं....
:- दीपक प्रधान
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